चंडीगढ़ – हरियाणा में हुए पंचायत उपचुनावों में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जहां 73.25 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने जानकारी दी कि इन उपचुनावों के सफल आयोजन के बाद राज्य में अब किसी भी पंचायत या स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया लंबित नहीं रह गई है।
अब पंचायतों में नहीं बचा कोई लंबित चुनाव
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार उन पंचायतों में भी उपचुनाव कराए गए हैं जो पहले नगरपालिका के तहत आती थीं लेकिन अब पुनः पंचायत के रूप में गठित हो चुकी हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल कालांवाली नगरपालिका (सिरसा) का चुनाव बाकी है, जिसके लिए मतदान 29 जून 2025 को होगा और मतगणना 30 जून को संपन्न होगी। इस चुनाव में 17 वार्डों के लिए प्रतिनिधियों का चयन किया जाएगा।
क्यों होते हैं उपचुनाव?
धनपत सिंह ने बताया कि किसी प्रतिनिधि के स्वेच्छा से इस्तीफा देने, मृत्यु हो जाने, या अविश्वास प्रस्ताव पारित होने जैसी परिस्थितियों में सीट रिक्त हो जाती है।
ऐसे मामलों में आयोग के लिए छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होता है।
कितनी सीटों पर हुआ उपचुनाव?
इस बार हरियाणा में पंचायत स्तर पर निम्नलिखित पदों के लिए उपचुनाव कराए गए:
- 830 पंच पद
- 74 सरपंच पद
- 17 पंचायत समिति सदस्य
- 1 जिला परिषद सदस्य
इनमें से कई सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध भी चुने गए।
15 जून को हुए चुनाव और ईवीएम का उपयोग
15 जून को बाढ़ड़ा (चरखी दादरी) और बादली व मुहम्मदपुरा माजरा (झज्जर) जैसे क्षेत्रों की पंचायतों के लिए आमचुनाव के साथ-साथ 56 पंच, 61 सरपंच, 8 पंचायत समिति सदस्य और 1 जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव कराए गए। मतदान सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक हुआ और इसमें ईवीएम का इस्तेमाल किया गया।
शांतिपूर्ण चुनाव, कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं
धनपत सिंह ने संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहे। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में न्यायालय द्वारा स्टे लगाए जाने के कारण चुनाव नहीं कराए जा सके, जिनमें फतेहाबाद की तमसपुरा पंचायत, करनाल के घरौंदा ब्लॉक, नूंह जिले की पंचायतें (दुबालु, करहेड़ा, अंधाकी, बधह, डुंगजा, कोटला और अहार) शामिल हैं।